जानकारी

श्री चित्रगुप्त सभा, तरैया की स्थापना का उद्देश्य,



चित्रगुप्त देवताओं के लेखापाल हैं और मनुष्यों के पाप-पुण्य का लेखा-जोखा रखते हैं। उनकी पूजा के दिन नई कलम दवात या लेखनी की पूजा उनके प्रतिरूप के तौर पर की जाती है। लेखनी की पूजा से वाणी और विद्या का वरदान मिलता है। कायस्थ के लिए चित्रगुप्त पूजा दिन से ही नववर्ष का आगाज माना जाता है | क्योंकि कायस्थ को श्री चित्रगुप्त भगवान का वंसज माना जाता है, इसीलिए सभी चित्रांश श्री चित्रगुप्त पूजा अवश्य करता है | मान्यता है की चित्रगुप्त पूजा करने से  विद्या , बुद्धि , आर्थिक उन्नति, ऐश्वर्य  और वंश की निरंतर वृद्धि होती है तथा मृत्यु के पश्चात् उत्तम लोक की प्राप्ति होती है |

इसीलिए हम सभी चित्रगुप्त के वंशज (चित्रांशो) का परम धर्म है की, हमारे इष्ट देव श्री चित्रगुप्त जी महाराज की सेवा निश्छल भाव से करे |

इसी सोच के साथ अक्तूबर 2018 में तरैया के सभी चित्रांशो की उपस्थिति में एक सामुहित संकल्प किया गया की, भगवान श्री चित्रगुप्त जी कृपा से जितने भी कमाने वाले चित्रांश, एवं सक्षम परिवार प्रत्येक वर्ष एक निशित सेवा राशी ( स्वेक्षा से अधिक भी ) इक्कठा करेंगे, जिससे तरैया में हमलोग श्री चित्रगुप्त जी महाराज की वार्षिक पूजनोत्सव हर्षो-उल्लास के साथ सामूहिक रूप में आयोजित करे और शेष बचा हुआ राशी, श्री चित्रगुप्त सामुदायिक भवन निर्माण में खर्च होगा

इस कार्य को सुचारू ढंग से सम्पादित करने के लिए 18 अक्तूबर, 2018 को चित्रगुप्त सभा नामक  एक समिति की स्थापना की गयी | जिसके माध्यम से, आपके सहयोग से  और श्री चित्रगुप्त महाराज की कृपा से 2018 से निरंतर और सकुशल रूप से  चित्रगुप्त जी महाराज की वार्षिक पूजनोत्सव हर्षोउल्लास से मानते आ रहे है और भवन निर्माण का भी कार्य काफी प्रगति पर है , जिसके लिए  चित्रगुप्त सभा, आपके इस सहयोग के लिए सदा आभारी है

आपका सहयोग ही चित्रगुप्त सभा की शक्ति है


(चित्रगुप्त सभा,  तरैया)

1 Oct, 2022

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